भारत के नक्शेकदम पर चला अमेरिका, टिकटॉक पर प्रतिबन्ध की तैयारी
बुधवार को अमेरिकी सांसदों ने चाइनीज एप टिक-टॉक पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में वोट किया। टिक-टॉक पर प्रतिबंध लगाने के लिए सांसदों ने भारत का उदाहरण दिया उन्होंने कहा कि भारत ने भी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था।

ब्यूरो। रोज़ाना हिमाचल
बुधवार को अमेरिकी सांसदों ने चाइनीज एप टिक-टॉक पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में वोट किया। टिक-टॉक पर प्रतिबंध लगाने के लिए सांसदों ने भारत का उदाहरण दिया उन्होंने कहा कि भारत ने भी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में 'प्रोटेक्टिंग अमेरिकन्स फ्रॉम फॉरेन एडवाइजरी कंट्रोल्ड एप्लीकेशन एक्ट' नामक विधेयक पर मतदान हुआ। यह विधेयक अमेरिका में विदेशी एप जैसे टिकटॉक आदि पर प्रतिबंध लगाता है।
भारत सरकार ने साल 2020 में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया था। अमेरिकी सांसदों ने भारत का उदाहरण देते हुए विधेयक के पक्ष में मतदान दिया। सांसदों ने कहा कि टिकटॉक में पारदर्शिता की कमी है। टिकटॉक के कार्यकारी अधिकारी यूजर्स की प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के इच्छुक नहीं हैं। इसी वजह से यूरोपीय यूनियन और कनाडा में भी इस एप के इस्तेमाल को प्रतिबंध कर दिया गया है। अमेरिकी सांसद ग्रेग मर्फी ने कहा कि टिकटॉक, चीन द्वारा सर्विलांस और अमेरिकी नागरिकों की सोच को प्रभावित करने के उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। मर्फी ने कहा कि यह एप यूजर का संवेदनशील डाटा इकट्ठा करता है और फिर उस डाटा को चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी और उसकी खुफिया शाखा के साथ साझा करता है। इससे देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा है। विधेयक में मांग की गई है कि टिकटॉक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से अपने संबंध तोड़े और अमेरिका में ही डाटा सेव करे, जिससे करोड़ों अमेरिकी नागरिकों, खासकर बच्चों के डाटा की सुरक्षा हो सके।
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