कथुरिया निवास कांगड़ा में दूसरे दिन भी जारी रहा श्री हरि कथा आयोजन

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से कथूरिया निवास, जयंती विहार, कांगड़ा में आयोजित तीन दिवसीय श्री हरि कथा के दूसरे दिन की सभा में

May 22, 2024 - 19:08
 0  189
कथुरिया निवास कांगड़ा में दूसरे दिन भी जारी रहा श्री हरि कथा आयोजन
कथुरिया निवास कांगड़ा में दूसरे दिन भी जारी रहा श्री हरि कथा आयोजन

सुमन महाशा। कांगड़ा

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से कथूरिया निवास, जयंती विहार, कांगड़ा में आयोजित तीन दिवसीय श्री हरि कथा के दूसरे दिन की सभा में उपस्थित भक्तजनों को दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी हरीशानंद जी ने संबोधन करते हुए शबरी प्रसंग का गुणगान किया, भक्तिमती शबरी के जीवन चरित्र को समझाते हुए कहा भगवान केवल मात्र भाव के भूखे हैं यदि इंसान के भाव सच्चे हो तो भगवान उसके समीप जरूर आते हैं, परंतु वर्तमान समय में इंसान ईर्षा, द्वेष, आदि अवगुणों को ही अपने हृदय में प्राथमिकता देता है, जब तक इंसान में भाव नहीं होंगे तब तक उसका हृदय ईश्वर की भक्ति से खाली ही रहेगा, आगे स्वामी जी ने समझते हुए कहा जिस समय मतंग मुनि जी ने इस सांसारिक यात्रा को पूर्ण करके ईश्वर के धाम में जाना था, तब उन्होंने भक्ति मती शबरी जी को कहा कि शबरी एक दिन प्रभु श्री राम तुम्हारी कुटिया में चलकर आएंगे, गुरु के जाने के पश्चात शबरी ने गुरु वचनों पर पूर्ण विश्वास रखा, ठीक इसी प्रकार से जब एक शिष्य गुरु वचनों पर अटूट श्रद्धा व विश्वास रखता है तो गुरु उसके विश्वास की लाज बचाने के लिए प्रकृति के सारे नियमों तज देते है, भगवान श्री राम शबरी के इंतजार को विराम देते हैं और कुटिया में चलकर आते हैं भाव से शबरी के बेर खाते हैं और शबरी जी को नवधा भक्ति का ज्ञान देते हैं जिसमें प्रभु श्री राम जी संत शरण, सत्संग, और गुरु भक्ति की प्रेरणा देते हैं हमारे जीवन में भी सत्संग अति अनिवार्य हैं। सत्संग के बिना हम ईश्वर को जान नहीं सकते हैं।

 कार्यक्रम के अंत में स्वामी जी ने समझते हुए कहा यदि परम सुख की अभिलाषा है तो उसके लिए ईश्वर को अपने घट में ही खोजना पड़ेगा जिसके लिए परम आवश्यकता है पूर्ण ब्रह्मिनिष्ठ सद्गुरु की।

कार्यक्रम के अंत में सुनील, सुखदेव, गोकुल, रित्विक द्वारा मधुर भजनों का गायन किया गया। कथा मे विशिष्ट जन अशोक रैना, वी पी शर्मा, विनोद अग्रवाल, सुनील डोगरा, श्याम वर्मा व अन्य लोगों ने भी कथा को श्रवण किया। इसी अवसर पर कथूरिया परिवार की ओर से सभी के लिए भंडारे का आयोजन रखा गया। कार्यक्रम को विराम प्रभु की मंगल में आरती से दिया गया।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0