पीओजेके संघर्ष समिति द्वारा एक बैठक का किया गया आयोजन
जिला कांगड़ा पीओजेके संघर्ष समिति द्वारा आज एक बैठक का आयोजन किया गया।

सुमन महाशा । कांगड़ा
जिला कांगड़ा पीओजेके संघर्ष समिति द्वारा आज एक बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान पीओजेके विस्थापित सेवा समिति के हक में दिए गए ऐतिहासिक फैसले के लिए जम्मू-कश्मीर के उच्च न्यायालय के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए। जिला कांगड़ा संघर्ष समिति के अध्यक्ष दविंद्र कोहली ने कहा कि वर्षों से चली आ रही मांग संघर्ष समिति के हक को न्यायालय द्वारा दिया जाना उनके अधिकारों का सम्मान है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय सुनिश्चित करता है की इन परिवारों को 1947 के बाद जम्मू-कश्मीर में बसे पीओजेके के 26319 परिवारों के समान दर्जा और अधिकार प्राप्त हों।
जिसमें पीओजेके विस्थापित परिवार 31,619 जिसमें से 26,319 विस्तापित परिवार जिनको जम्मू कैम्प , कठुआ कैम्प, और राजौरी कैंपस में शरण मिली 5,300 विस्तापित ऐसे परिवार थे । जिनको वहां सर छुपाने की जगह न मिलने पर आसपास के प्रदेशों में रिफ्यूजी कैम्प्स पंजाब, उत्तरप्रदेश , दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में भेज दिया गया । इसी प्रक्रिया के चलते यह माना जाता है कि लगभग 40,000 परिवार और 12,00,000 लोग विभाजन के कारण भूमि हीन हो गए थे।
जो 5,300 परिवार जम्मू कश्मीर से बहार जा बसे उनकी द्वारा झेले गई यातनाएं और दुख बहुत अधिक थे । इसमें पिछले 75 वर्ष में किसी भी सरकार ने कोई कार्यवाही और मदद नहीं की। लेकिन अब जम्मू कश्मीर से बाहर दूसरे राज्य में रह रहे विस्थापित लोगों को भी अब एक समान अधिकार मिलेगा।
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