लोकसभा चुनावों में भाजपा के सामने बड़ी चुनौती, चंबा-कांगड़ा की जनता केंद्र से नाराज
लोकसभा चुनाव में रेल का खेल कांगड़ा के सियासी पारे को चढ़ाने वाला है।

ब्यूरो। रोज़ाना हिमाचल
लोकसभा चुनाव में रेल का खेल कांगड़ा के सियासी पारे को चढ़ाने वाला है। कनेक्टिविटी के एयर और सडक़ पर काम शुरू होने के बाद अब रेलवे लाइन का विस्तारीकरण बड़ा मुद्दा बनने वाला है। ब्रिटिश काल की रेलवे लाइन का एक इंच भी आगे न सरकना और इसे आज भी ब्राडगेज न बना पाना जनता को काफी खटक रहा है। देश सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों में रेलवे कनेक्टिविटी पर काम होने के बावजूद पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलवे लाइन की केंद्र सरकार और भाजपा सांसदों द्वारा जनहित मुद्दों की अनदेखी लोगों को रास नहीं आ रही है। लोकसभा चुनावों के लिए प्रदेश के दोनों बड़े सियासी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों को जनता के बीच जाने से पहले मुद्दों को भी धार देनी होगी। सीयू के अलावा कांगड़ा-चंबा के लिए रेलवे कनेक्टिविटी का विस्तार न होना एक बड़ा मुद्दा बनता दिख रहा है, जिसे कांग्रेस सहित क्षेत्र के सामाजिक संगठनों ने भी उठाना शुरू कर दिया है। इस बार आलोचना केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार की है। हर दिन विकास का दम भरने वाली भाजपा शायद भूल गई, कि कांगड़ा और मंडी जिलों को सवा साल से जोड़ती आ रही कांगड़ा घाटी ट्रेन लगभग दो साल से पटरी से उतरी हुई है। ब्राडगेज का तो अब केंद्र सरकार नाम ही नहीं लेती है। किसी समय कांगड़ा में ब्राडगेज लाइन बिछाना भाजपा की प्राथमिकता थी। ब्रिटिश काल में बनी रेलवे लाइन का विस्तार लंबे समय बाद भी न हो पाना इस बार लोकसभा चुनावों में बड़ी चुनौती है।
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