प्रदेश के करुणामूलक परिवारों के लिए भी व्यवस्था करे सरकार: करुणामूलक संघ
करुणामूलक संघ द्वारा कांगड़ा बस स्टैंड के साथ लगते निजी होटल में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।

सुमन महाशा। कांगड़ा
करुणामूलक संघ द्वारा कांगड़ा बस स्टैंड के साथ लगते निजी होटल में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान जिला कांगड़ा के करुणामूलक परिवार शामिल हुए जिसमें विशाल सिंह, मनिंदर, आंचल, प्रवीण, पवन , विकास, साहिल,अमन, इस प्रेस वार्ता में मौजूद रहे |
इन सभी करुणामूलक आश्रितों का कहना है कि हम खुद को असहाय और ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं एक तो हमने अपने माता-पिता को खोया है और ऊपर से सरकार ढाई साल से करुणामूलक सब कमेटी का हवाला दे रही है करुणामूलक परिवारों के लिए दो मीटिगे सब कमेटी में हो गई लेकिन नतीजा कोई नहीं निकला और तारीखो की बोझ तले यह परिवार दब रहे हैं | जब पिछली सरकार के समय कांग्रेस विपक्ष में थी तो सुखविंदर सिंह सुक्खू , मुकेश अग्निहोत्री व विक्रमादित्य सिंह के द्वारा कहा गया था कि कमेटियां इसलिए बनाई जाती जब कोई मामला लटकाना हो शायद अब मुख्यमंत्री व समस्त मंत्रियों की बाते इन करुणामूलक परिबारो के लिए सच साबित हो रही है | अब कांग्रेस सरकार में इन परिवारों को कमेटी का हवाला देखकर लटकाया जा रहा है सरकार अब इन परिवारों से नजरे फेर रही है | अपनों के जाने की और 15 से 20 सालों से दर-दर की ठोकरे खाने के बाद अब यह परिवार सरकार को उन कर्मचारियों की दुहाई दे रही है जिन्होंने सरकार की सेवा करी ओर सेवाकाल के दौरान मृत्यु को प्राप्त हो गए | अगर कांग्रेस सरकार सच मे कर्मचारी व उनके परिवारों की हितेषी है तो उन्ही मृतक कर्मचारीयों के परिवारों की पुकार सुनो और सरकार से निवेदन कर रहे हैं कि बिना किसी शर्त के करुणामूलकों की नौकरियां बहाल की जाए |
विशाल सिंह का कहना यह भी है कि सुख की सरकार अगर सच में जरूरतमंदों , दीन दुखियों और गरीबों की सरकार है तो कृपया करुणामूलकों के दर्द को समझें और करुणामूलको के लिए 15 तारीख की कैबिनेट में करुणामूलकों का कोई ना कोई समाधान निकाले और नौकरी हेतु व्यवस्था करें |
बता दे करुणामूलक संघ पूर्व सरकार के समय भी प्रदेश भर के करुणामूलक आश्रितों सहित 432 दिनों का संघर्ष भूख हड़ताल के रूप में जिला शिमला में कर चुके हैं जबकि प्रदेश के हर कोने-कोने से अपनी आवाज को बुलंद कर चुके हैं |
मुख्य मांगे
1) आगामी कैबिनेट में 7/03/2019 पॉलिसी संशोधन किया जाए जिसमें 62500 एक सदस्य सालाना आय शर्त को पूर्णतया हटा दिया जाए और सालाना आय सीमा को 2.50 लाख से उठाकर ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जाए।
2) वित्त विभाग के द्वारा रिजेक्ट केसों को दोबारा कंसीडर न करने की नोटिफिकेशन जो 22 सितंबर 2022 को हुई थी उस नोटिफिकेशन को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाए और रिजेक्ट केसों को द्वारा कंसीडर करने की नोटिफिकेशन जल्द की जाए।
3) करुणामूलक भर्तियों में जो 5% कोटे की शर्त जो लगी हुई है उसे हटाया जाए ताकि one time relaxation के आधार पर एक साथ नियुक्तियां हो सके और जिन विभागों बोर्डों और निगमों और यूनिवर्सिटी में खाली पोस्टें नहीं है उन केसों को शिफ्ट करके किसी अन्य विभाग में नौकरियां दी जाए।
4) शैक्षणिक योग्यता के अनुसार सभी श्रेणियों (Techanical + Non Techanical) के सभी पदों में नौकरियां दी जाए ताकि किसी एक पद पर बोझ न पड़े।
जैसे ही पॉलिसी में संशोधन हो जाए उसके तुरंत बाद बिना किसी भेदभाव के मृतक कर्मचारी की मृत्यु तिथि की वरिष्ठता के आधार पर नौकरियां दी जाए ताकि किसी भी परिवार के साथ किसी तरीके का भेदभाव न हो क्योंकि सभी परिवारों ने अपने परिवार के कमाने वाले मृतक कर्मचारी/मुखिया को खोया है |
प्रदेशाध्यक्ष —अजय कुमार (करुणामूलक संघ हिमाचल प्रदेश)
मोबाइल नंबर — 9736400172
7018706443
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