हर हर महादेव के जयकारों से गूंजा जमानाबाद
मां बगलामुखी महायज्ञ गांव-गांव में यज्ञ पहुंचाने के संकल्प के साथ पूरा हुआ। यति सत्यदेवानंद ने सनातन धर्म की रक्षा और देवीय शक्तियों के आशीर्वाद पर जोर दिया।

सुमन महाशा। काँगड़ा
गांव-गांव में यज्ञ पहुँचाने के संकल्प से सम्पूर्ण हुआ 5 दिवसीय मां बगलामुखी महायज्ञ: यति सत्यदेवानंद सरस्वती जी महाराज
देव भूमि के शक्ति पीठ मां ब्रजेश्वरी माता कांगड़ा मण्डल के गांव में सनातन धर्म की रक्षा तथा सनातन शत्रुओं के समूल विनाश हेतु सनातनियों के आपसी भाईचारे हेतु, संतानियों की वंश वृद्धि हेतु मां और महादेव की अखंड भक्ति, सद्बुद्धि तथा शक्ति हेतु चल रहे मां बगलामुखी महायज्ञ आज सम्पूर्ण हुआ।
पूर्ण आहुति के वक्त हर हर महादेव के जय घोष से गुंजा जमानाबाद गांव।
इस अवसर पर यज्ञ आचार्य अखिल भारतीय सन्त परिषद् के हिमाचल प्रदेश, पंजाब हरियाणा के प्रभारी यति सत्यदेवानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि उनके गुरु परम् पूजनीय महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा जी के संकल्प और मार्ग दर्शन से हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मां बगलामुखी यज्ञ पंहुचा रहें हैं। मां के यज्ञ को गांव गांव पंहुचाने के संकल्प के साथ आज मां का यज्ञ सम्पूर्ण हुआ है गांव के लोगो का बढ़ता विश्वास हमारे संकल्प को और मजबूत कर रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश ही नहीं बल्कि सारा देश तथा सम्पूर्ण विश्व एक अनचाहे खतरे की और बढ़ रहा है जिसके लड़ने हेतु देवीय शक्तियों के आशीर्वाद की अति आवश्यकता है। हम लोग अग्नि पूजक है और हमारी मान्यता है कि हमारे देवताओं को भोग देने की सबसे उत्तम विधि हवन यज्ञ है। जब हम किसी देवता का मंत्र बोल कर अग्नि में होम करते हैं तो देवताओं को भोग मिलता है जिससे उनकी संतुष्टि होती है और देवता प्रसन्न होते है। फिर हमे शुभ आशीष देते हैं। इन्ही देवीय शक्तियों को गांव गांव में जागृत करना ही हमारा उद्देश्य है इसी संकल्प के साथ यह यज्ञ सम्पूर्ण हुआ है।
इस अवसर पर यज्ञ के मुख्य यजमान गोल्डी चौधरी ने बताया कि गुरु जी ने बहुत ही सरल रूप से यज्ञ सम्पूर्ण तथा धर्म का ज्ञान दिया है। उन्होंने बताया कि परिवार और समाज में आपसी समन्वय स्थापित करना ही धर्म है तथा जब धर्म की बात आए तो सम्पूर्ण बलिदान करना ही धर्म है और बताया कि धर्म पर अडिग रहना कितना आवश्यक है।
इस अवसर पर समस्त गांव वासियों ने आहुति डाल कर अपना जीवन सार्थक बनाया।
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