कैंसर अस्पताल के लिए अमरीका से आई मशीन, शिमला में मरीजों को जल्द मिलेगी लीनियर एक्सेलेरेटर की सुविधा
कैंसर पीडि़त मरीजों को अपना उपचार करवाने बाहरी राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा।

ब्यूरो। रोज़ाना हिमाचल
कैंसर पीडि़त मरीजों को अपना उपचार करवाने बाहरी राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। शिमला के सबसे बड़े कैंसर अस्पताल के लिए अब लीनियर एक्सेलरेटर मशीन स्थापित करने की तैयारियां जोरों पर हैं। ये आधुनिक मशीन अमरीका से आई है। 1986 से एक ही भवन में दयनीय व्यवस्था में चल रहे शिमला के कैंसर अस्पताल में जगह की काफी ज्यादा कमी खल रही थी। यहां पर प्रशासन द्वारा पहले ही मशीनें खरीदी जानी थी, लेकिन मशीन को लगाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी। प्रशासन ने अब इसके लिए एक नया भवन तैयार किया है। भवन का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है और नए भवन में ही इस मशीन को स्थापित किया जायेगा। कैंसर पीडि़त मरीजों को अब और ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। अस्पताल में लीनियर एक्सेलेरेटर मशीन लगभग 25 करोड़ रुपए के की लागत से खरीदी जा रही है। मशीन के स्थापित होने से मरीजों को बाहरी राज्य में जाकर ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे। लीनियर एक्सेलेरेटर कैंसर मरीजों की सिंकाई की आधुनिक सुविधा है। इस मशीन की सहायता से सीधे कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं पर रेडिएशन डाला जाता है, जिससे स्वस्थ कोशिकाओं को खतरा नहीं होता है। अन्य मशीनों के मुकाबले लीनियर एक्सेलेरेटर में ज्यादा रेडिएशन निकलता है। इसी कारण इसे चलाने के दौरान रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट का होना जरूरी है। शिमला के सबसे बड़े कैंसर अस्पताल की अगर बात की जाए, तो यहां पर पुरूष व महिलाएं प्रति वर्ष 2000 से अधिक नए लोग कैंसर की चपेट में आ रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार महिलाओं में सबसे अधिक गर्भाशय, स्तन और अंडाशय मे कैंसर की आशंका होती है।
What's Your Reaction?






