जाइका के तहत 300 से अधिक स्वयं सहायता समूह गठित: डा चैहान
डॉ. सुनील चैहान, राज्य प्रोजेक्ट निदेशक, ने बैजनाथ में जाइका चरण-1 के तहत स्वयं सहायता समूहों के विभिन्न प्रशिक्षण दिए। प्रतिनिधिमंडल ने हिमाचल प्रदेश में फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना का भी दौरा किया और स्थानीय समूहों के साथ उत्पादों की प्रदर्शनी और विपणन की चर्चा की।

ब्यूरो रिपोर्ट। धर्मशाला
राज्य प्रोजेक्ट निदेशक, डॉ. सुनील चैहान ने कहा कि जाइका चरण-1 के तहत 300 से अधिक स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं और इन समूहों को उधार , हिसाब और लेखाजोखा, कटाई के बाद, प्रक्रिया और मूल्य वर्धन पर विभिन्न प्रशिक्षण दिए गए। शनिवार को बैजनाथ में महिला, बाल मामले और महिला सशक्तिकरण मंत्रालय,श्रीलंका तथा जाइका-श्रीलंका के अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल को जाइका के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की गतिविधियों की जानकारी देते हुए निदेशक डा सुनील चैहान ने कहा कि श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा दोनों देशों के बीच आपसी सीख और विचारों के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण अवसर है जिससे दोनों क्षेत्रों की महिलाओं को लाभ होगा।
पालमपुर में प्रतिनिधिमंडल का स्वागत डॉ. राजेश कुमार और उनकी टीम ने किया तथा प्रतिनिधिमंडल ने जाइका समर्थित हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल ने खंड परियोजना प्रबंधक पालमपुर के अंतर्गत बिनवा स्वयं सहायता समूह पपरोला, गोधन सिद्ध स्वयं सहायता समूह हरटाडा तथा त्रिशा स्वयं सहायता समूह टंग बोधल का दौरा किया तथा इन समूहों से चर्चा कर उनकी संरचना और कार्यप्रणाली को समझा। इन समूहों द्वारा उनके द्वारा तैयार किये गए उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई और समूहों द्वारा इन उत्पादों को बेचने के तरीकों की जानकारी भी प्रतिनिधिमंडल ने हासिल की। प्रतिनिधियों ने जाइका समर्थित बैजनाथ प्रगतिशील किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड, पपरोला का भी दौरा किया और इस कंपनी से जुड़े निदेशक मंडल और विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से बातचीत की। वर्तमान में 450 किसान इस कंपनी से जुड़े हुए हैं और बेमौसमी सब्जियों, अनाज और दालों के भंडारण, प्रसंस्करण और खुदरा बिक्री में लगे हुए हैं।
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