बड़सर की नीना कुमारी ने नॉर्सेट-5 परीक्षा में प्राप्त किया 1778 रैंक, बनी नर्सिंग ऑफिसर
जिला हमीरपुर के बड़सर विधानसभा की नीना कुमारी ने एम्स ऋषिकेश में नर्सिंग ऑफिसर का मुकाम हासिल किया।

अनिल कपलेश। बड़सर
जिला हमीरपुर के बड़सर विधानसभा की नीना कुमारी ने एम्स ऋषिकेश में नर्सिंग ऑफिसर का मुकाम हासिल किया। नीना कुमारी पुत्री रमेश चंद एवं रजनी देवी गांव सकरोह, तहसील- ढटवाल की रहने वाली है|
बता दें कि नॉर्सेट-5 परीक्षा का परिणाम आ चुका है। यह अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा है इस परीक्षा के माध्यम से नर्सिंग ऑफिसर की नियुक्ति की जाती है। इस परीक्षा में कुल 4094 पदों के लिए 20815 अभ्यर्थी का प्रेलिमिनरी पेपर से सेलेक्ट हुए और 9140 अभ्यर्थी मैन्स पेपर में सेलेक्ट हुए। जिनमें नीना कुमारी ने 1778 वां रैंक प्राप्त करके जनरल कटऑफ को पार करते हुए एम्स ऋषिकेश में नर्सिंग ऑफिसर मुकाम हासिल किया।
घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद नीना के पिता ने उन्हें नर्सिंग का कोर्स करवाया। 2018 में नीना कुमारी ने बीएससी नर्सिंग की डिग्री प्राप्त की। नीना कुमारी के पिता और उनकी की दिली तमन्ना थी की वो नर्सिंग ऑफिसर बने। परंतु 2019 में नीना कुमारी की शादी हो गई। नीना का ससुराल भी मेडिकल फील्ड से संबंधित था, लड़के के पिता और पुत्र मेडिकल लाइन में थे। पिता ने यह सोच के शादी करवा दी के वे लोग बेटी के सपने को साकार करने में उसकी मदद करेंगे जिस पर वर पक्ष ने भी सहमति जताई। किंतु ऐसा कुछ न हुआ अपितु उन्होंने उसे मानसिक तौर पर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया एवं घर पर रहने के लिए विवश करने लगे। उन्हें बाद में मालूम हुआ लड़के के रोजगार के बारे में झूठ बोल के रिश्ता किया गया था। उन्हें बताया गया कि लड़का दिल्ली फोर्टिस हॉस्पिटल में डॉक्टर है जो की बाद में झूठ साबित हुआ। इन सब मुसीबतों के बावजूद नीना के पिता ने अपनी ताउम्र की जमा पूंजी उसकी कोचिंग पर लगाई। नीना ने भी ने हिम्मत नहीं हारी और दिन रात एक कर के पहले ही प्रयास में नर्सिंग अधिकारी बनी। समाज में आज भी बहु को बेटी का दर्जा नहीं मिल पाया है पर वो दिन दूर नही है जब नीना जैसी बेटियां इस दर्जे को हासिल करेंगी और बार बार समाज की रूढ़िवादी सोच को अपनी मेहनत और लगन से बदलती रहेंगी।
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