बज्रेश्वरी देवी मंदिर कांगड़ा में मनाई श्री भैरव जयंती, सवा लाख मंत्रोचारण के साथ किया हवन -यज्ञ
भैरव भगवान शिव के ही अवतार और अंश कहे गए हैं।

सुमन महाशा। कांगड़ा
मंगलवार को बज्रेश्वरी देवी मंदिर कांगड़ा में श्री भैरवजी की जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई गई। भैरवजी की जयंती के अवसर पर पुजारी वर्ग के ब्राह्मणों द्वारा हवन-यज्ञ के साथ सवा लाख जाप मंत्रों का उच्चारण किया गया। मंदिर के वरिष्ठ पुजारी उमाकांत शर्मा ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा में भटुक भैरवजी की जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई गई है। हवन- यज्ञ और मंत्रोंच्चारण के दौरान भैरों का महास्नान व श्रृंगार किया जाता है।
वहीं मंदिर की मान्यता है कि माता के दर्शन के बाद ही भैरों बाबा के दर्शन किए जाते हैं। इनकी पूजा अर्चना से सभी कष्टों का निवारण होता है।
बता दें कि भैरव भगवान शिव के ही अवतार और अंश कहे गए हैं। पुराणों में कथा है कि भैरव का जन्म क्रोधित शिव की भौंहों से हुआ है। भौह से जन्म लेने के कारण ही इनका नाम भैरव पड़ा है। ये मूलतः तंत्र के देवता माने जाते हैं।
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