उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला के बाहर ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ नारेबाजी और धरना प्रदर्शन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अभाविप, पश्चिम बंगाल के उत्तर चौबीस परगना जिले के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस नेताओं द्वारा महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार, जमीन कब्जाने तथा अपराध से भयमुक्त वातावरण निर्माण कर स्थानीय हिंदू परिवारों को पलायन करवाने को मजबूर करने के विरुद्ध देशव्यापी प्रदर्शन किया।
मुनीश धीमान। धर्मशाला
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अभाविप, पश्चिम बंगाल के उत्तर चौबीस परगना जिले के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस नेताओं द्वारा महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार, जमीन कब्जाने तथा अपराध से भयमुक्त वातावरण निर्माण कर स्थानीय हिंदू परिवारों को पलायन करवाने को मजबूर करने के विरुद्ध देशव्यापी प्रदर्शन किया। यह देशव्यापी प्रदर्शन देश के सभी राज्यों की राजधानियों तथा 500 से अधिक जिलों व महानगरों में हुआ जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थीयों ने भी सहभागिता ली ।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पुदुचेरी में 27-28 फरवरी आयोजित हुई अभाविप केन्द्रीय कार्यसमिति बैठक में संदेशखाली घटना के विरोध में निंदा प्रस्ताव पारित कर, महिलाओं के विरुद्ध जघन्यतम अपराधों का केन्द्र बन चुके पश्चिम बंगाल की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर न्याय की मॉंग करने का निर्णय लिया था। इसी संदर्भ में आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला कांगड़ा द्वारा उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला के बाहर महिला विरोधी ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी और धरना प्रदर्शन किया गया।
अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री श्री राहुल राणा ने कहा कि," पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी लगातार जनविरोधी नीतियों को बढ़ावा दे रही हैं तथा भ्रष्टाचारियों व अपराधियों का संरक्षण कर रही हैं। पश्चिम बंगाल में तुष्टीकरण की नीति से आम जनमानस त्रस्त है, एक ओर राज्य सरकार संरक्षित भ्रष्टाचारी हर ओर भ्रष्टाचार कर आम लोगों का हक मार रहे हैं,वहीं दूसरी ओर कानून व्यवस्था की जर्जर स्थिति से अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। संदेशखाली में जिन पीड़िताओं के साथ ज्यादती हुई, उनमें से अधिकांशतः पिछड़े वर्ग तथा अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाएं हैं। पश्चिम बंगाल में हो रहे अपराधों का विरोध देश के प्रत्येक कोने में विद्यार्थी परिषद करेगी।"
अभाविप की केंद्रीय कार्य समिति सदस्य सुश्री शिल्पा कुमारी ने कहा कि," संदेशखाली में महिलाओं के साथ अत्याचारों का घटनाक्रम जब सामने आया तभी से विद्यार्थी परिषद न्याय की मांग को लेकर पूरे देश के शैक्षणिक संस्थानों में प्रदर्शन कर रही है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद पश्चिम बंगाल की महिलाओं की सुरक्षा तथा सम्मानपूर्ण जीवन सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। इसी संदर्भ में आज विद्यार्थी परिषद ने देशव्यापी आंदोलन पूरे देश भर में संदेशखाली की महिलाओं के न्याय के लिए किए साथ ही आज उपयुक्त धर्मशाला के माध्यम द्वारा राष्ट्रपति को भी इस मामले के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा गया। विद्यार्थी परिषद ने कहा अगर इस मामले को लेकर कड़ी से कड़ी कार्रवाई अपराधियों पर नहीं की गई तो आने वाले समय में विद्यार्थी परिषद को हजारों लाखों की संख्या में महिलाओं की आवाज को बुलंद करने के लिए पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में कुच भी करना पड़े तो उस को लेकर भी विद्यार्थी परिषद गुरेज नहीं करेगी।
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