मौनी बाबा कुटिया में स्वामी गोविंद चैतन्य ने की चारों वेदों की विस्तृत व्याख्या
नादौन के फतेहपुर में स्थित पूज्य मौनी बाबा कुटिया में चल रही शिवकथा के तीसरे दिन में स्वामी गोविंद चैतन्य जी महाराज ने चारों वेदों के सार-तत्व की विस्तृत व्याख्या की। उन्होनें बताया कि शिवपुराण में सामान्य जन के कल्याण के लिए नित्य घटित होने वाली कथाओं के माध्यम से मानव जीवन में सुधार लाने वाले अनेकों आख्यान विद्यमान हैं।

रूहानी नरयाल। नादौन
नादौन के फतेहपुर में स्थित पूज्य मौनी बाबा कुटिया में चल रही शिवकथा के तीसरे दिन में स्वामी गोविंद चैतन्य जी महाराज ने चारों वेदों के सार-तत्व की विस्तृत व्याख्या की। उन्होनें बताया कि शिवपुराण में सामान्य जन के कल्याण के लिए नित्य घटित होने वाली कथाओं के माध्यम से मानव जीवन में सुधार लाने वाले अनेकों आख्यान विद्यमान हैं। उन्होनें कहा कि यह मानव शरीर हमारे पूर्व जन्मों के कर्मों का ही प्रतिफल नहीं है, अपितु महादेव की कृपा से भी प्राप्त हुआ है। अनन्त शिवभक्ति से ही जीवन सार्थक बनता है। भक्ति के लिए शिवकथा को सुनना, भजन व कीर्तन करना अत्यन्त अनिवार्य है, ताकि महादेव की कृपा सदैव बनी रहे। इसके बाद नित्य शिव के मनन व चिन्तन से अन्तर्यात्रा प्रारंभ होती है, जिससे जीव शिवमय होकर शिवत्व को प्राप्त कर लेता है और यही मानवजीवन का प्राप्तव्य है। मनुष्य अपने कान के द्वारा कथा-कीर्तन को सुनकर, वाणी से नाम जप करके तथा मां से मनन व चिंतन करके शिवत्व को प्राप्त करता है अर्थात् मनुष्य कान, वाणी और मन इंद्रियों को संयमित करके शिव भक्ति में मग्न होकर इस भवसागर को सुखपूर्वक पार कर सकता है। इसके अतिरिक्त भी उन्होंने विभिन्न कथाओं के माध्यम से इस मानव जीवन को सफल बनाने वाली प्रेरक कथाओं का वर्णन किया। इस अवसर पर मन्दिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. रत्न चन्द शर्मा, के. सी. मदान, प्रमोद पठानिया, मदन, रिंकू, रामस्वरूप, किशोरी लाल, ओम प्रकाश, डॉ. मोहन, इंजीनियर देवराज, राजगोपाल शिवकुमार इत्यादि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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