मुख्यमंत्री ने ज्वालामुखी में किया सुख आश्रय ग्राम परिसर का शिलान्यास
हिमाचल प्रदेश में अनाथ बच्चों के भविष्य को संवारने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू की गई है, जिसके अंतर्गत अब तक 4000 बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ के रूप में अपनाया गया है।

सुमन महाशा। कांगड़ा
हिमाचल प्रदेश में अनाथ बच्चों के भविष्य को संवारने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू की गई है, जिसके अंतर्गत अब तक 4000 बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ के रूप में अपनाया गया है। माता एवं पिता के रूप में उनकी देखभाल की संपूर्ण जिम्मेदारी निभाने का दायित्व सरकार ने संभाला है। अनाथ एवं निराश्रित बच्चों को अपनत्व, सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी के लुथान में सुख आश्रय ग्राम परिसर का शिलान्यास किया है। इस एकीकृत परिसर में विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ लगभग 400 निराश्रितों के रहने की क्षमता होगी। परिसर में ई-लाइब्रेरी, अस्पताल, वेलनैस सेंटर, प्रार्थना कक्ष, मंदिर, कॉमन रूम, बहुउद्देश्यीय डिपार्टमेंटल स्टोर, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र व पार्क आदि सुविधाएं होंगी। इसके अलावा टेबल टेनिस, बैडमिंटन, योग, स्वीमिंग पूल, प्ले स्टेशन, जिम सहित अन्य इनडोर व आउटडोर खेलों से संबंधित स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। परिसर में बच्चों, महिलाओं व वृद्धजनों के लिए अलग-अलग आश्रय स्थल निर्मित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कार्यभार संभालने के उपरांत अपने पहले ही निर्णय में अनाथ बच्चों के कल्याण को प्राथमिकता दी है। अनाथ बच्चों के खुशहाल जीवन के लिए चार हजार रुपए प्रतिमाह खर्च, वार्षिक भ्रमण के दौरान तीन सितारा होटल में ठहरने की सुविधा, शिक्षा के लिए आवश्यक निधि, उत्सव भत्ता तथा अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
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