हिमाचल प्रदेश करूणामूलक संघ की जिला स्तरीय बैठक का हुआ आयोजन

हिमाचल प्रदेश करूणामूलक संघ द्वारा जिला स्तरीय बैठकों का दौर आरम्भ कर दिया गया है।

Sep 28, 2024 - 15:53
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हिमाचल प्रदेश करूणामूलक संघ की जिला स्तरीय बैठक का हुआ आयोजन

सुमन महाशा। कांगड़ा

हिमाचल प्रदेश करूणामूलक संघ द्वारा जिला स्तरीय बैठकों का दौर आरम्भ कर दिया गया है। जिसमें पहली बैठक जिला कांगड़ा में आयोजित की गई। यह बैठक शनिवार को न्यू बस स्टैंड कांगड़ा के साथ लगते निजी होटल में आयोजित की गई। 

हिमाचल प्रदेश करूणामूलक संघ की जिला स्तरीय बैठक प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस दौरान राज्य मीडिया प्रभारी गगन कुमार, जिला प्रधान मनिंदर उप प्रधान राजीव कुमार व जिला कांगड़ा के सैंकड़ों करूणामूलक आश्रितों ने भाग लिया। 

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के करूणामूलक आश्रित काफी लम्बे समय से नौकरियों का इन्तजार कर रहे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू जी ने विधानसभा में जल्द करूणामूलक नौकरियाँ बहाली हेतू आश्वासन दिया इसके पश्चात करुणामूलक सबकमेटी का गठन भी इन परिवारों के लिए सरकार द्वारा किया गया और हालहि मे हुई कैबिनेट मैं करुणामूलक पॉलिसी में भी विचार विमर्श कैबिनेट में हुआ !

 जिसके चलते करूणामूलक संघ हिमाचल प्रदेश का जिला स्तरीय बैठकों का आयोजन तेज़ हो गया है। 

बता दें कि काफी लम्बे समय से ये परिवार सरकारों के समक्ष अपनी माँगों को उठाते आए हैं और सरकार ने भी विधानसभा मे कहा है कि जो भी पाॅलिसी में खामियाॅं हैं वह जल्द दूर कर समस्त प्रदेश के करूणामूलक आश्रितों को नौकरियाँ दे दी जाएगी लेकिन संघ चाहता है कि खामियाॅं दूर करने के लिए जल्द से जल्द करूणामूलक संघ के दो से तीन राज्यपदाधिकारी को सुझाविय तौर पर हिमाचल प्रदेश को बैठक के लिए बुलाया जाए ताकि खामियाॅं जल्द दूर की जाए और समस्त करूणामूलक आश्रित परिवारों को नौकरियाँ मिल सके। 

सरकार ऐसी संशोधित पाॅलिसी ले कर आए जो सभी के लिए हितकारी साबित हो और भविष्य में अगर किसी सरकारी कर्मचारी की नौकरी के दौरान अचानक मृत्यु हो जाए तो उनके करूणामूलक आश्रित परिवार को 15 से 20 वर्षों का लम्बा इन्तजार ना करना पडे़।

मुख्य मांगें:-

1) कैबिनेट में पॉलिसी संशोधन किया जाए जिसमें 62500 एक व्यक्ति सालाना आय शर्त को खत्म किया जाए !और आय सीमा को 2.50 लाख से ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया है |

2) वित विभाग के द्वारा रेजेक्टेड केसों को कंसिडेर न करने की नोटिफिकेशन को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया जाए| और रेजेक्टेड केसों को दोवारा कंसिडेर करने की नोटिफिकेशन जल्द की जाए |

3) 5% कोटे की शर्त को हमेशा के लिए हटा दिया जाए ब जिन विभागों बोडो निगमो और यूनिवर्सिटी में खाली पोस्टें नही है उन केसों को अन्य विभाग में शिफ्ट करके नोकरियाँ दी जाए |

 4) योग्यता के अनुसार सभी श्रेणियों (Technical+ non Techanical) के सभी पदों में नोकरियां दी जाए ताकि एक पद पर बोझ न पड़े 

उपरोक्त मांगों के संदर्भ में कैबिनेट में मोहर लगाई जाए।

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