हिमाचल की टीम ने रचा इतिहास, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण
2 और 3 दिसंबर को नोएडा में आयोजित अखिल भारतीय राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में हिमाचल प्रदेश की टीम ने इतिहास रचते हुए पहली बार स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

रूहानी नरयाल। नादौन
2 और 3 दिसंबर को नोएडा में आयोजित अखिल भारतीय राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में हिमाचल प्रदेश की टीम ने इतिहास रचते हुए पहली बार स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस आयोजन में कुल 18 राज्यों की टीमों ने भाग लिया। हिमाचल प्रदेश की यह उपलब्धि विशेष रूप से उल्लेखनीय है, क्योंकि यह राज्य के लिए इस स्तर का पहला स्वर्ण पदक है। इस ऐतिहासिक जीत के पीछे कप्तान ध्युसंत सिंह और उपकप्तान हार्दिक का अहम योगदान रहा। इसके अलावा, टीम के अजेय खिलाड़ी अतिक्षा और रितेश भारद्वाज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम को स्वर्ण पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रतियोगिता के लिए नादौन के टी आर डीएवी स्कूल कांगू में विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया था। जिसमें खिलाड़ियों को पेशेवर कोच एएफएम किशन चंद राष्ट्रीय स्तर के कोच द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। इस शिविर ने खिलाड़ियों को राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुरजीत राणा क्लस्टर इंचार्ज, ने क्लस्टर 3 टीम को ढेरों शुभकामनाएँ दीं और उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह जीत न केवल हिमाचल प्रदेश के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।
टीम कोच ने बताया कि इस जीत में उनका चेन्नई और तमिलनाडु में 14 वर्षों का अनुभव महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने कहा कि हर खिलाड़ी की क्षमता को समझते हुए उनकी तैयारी में व्यक्तिगत योगदान दिया। यह जीत मेरी पूरी टीम और राज्य के खिलाड़ियों के समर्पण का नतीजा है। हिमाचल प्रदेश के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने राज्य का नाम राष्ट्रीय खेलों के मंच पर स्वर्ण अक्षरों में लिख दिया है।
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