भूकंप आपदा पर ज्वालामुखी मंदिर में मॉक ड्रिल: 2 की मौत, 14 घायल दर्शाए; फायर ब्रिगेड की गाड़ी फंसी, व्यवस्थाएं सवालों के घेरे में
ज्वालामुखी मंदिर में भूकंप मॉक ड्रिल के दौरान 2 मौत और 14 घायल दर्शाए गए। फायर ब्रिगेड की गाड़ी फंसी, राहत कार्यों में आधे घंटे की देरी।

प्रदीप शर्मा। ज्वालामुखी
प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल शक्ति पीठ ज्वालामुखी मंदिर में शुक्रवार सुबह भूकंप आपदा से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए एक वृहद मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में राहत और बचाव कार्यों का बारीकी से प्रदर्शन किया गया।
ड्रिल के दौरान 2 लोगों की मौत और 14 के घायल होने की स्थिति को दर्शाया गया। घायलों में 10 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल थीं। तीन घायलों की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर करने की प्रक्रिया का भी अभ्यास किया गया।
घटनाएं मुख्य रूप से मंदिर के शयन भवन, जिगजैग रास्ते और सीढ़ियों पर केंद्रित रहीं, जहां भक्तों की अधिक आवाजाही रहती है। यह ड्रिल वास्तविक आपदा जैसी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर की गई थी, ताकि हर विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया को परखा जा सके।
फायर ब्रिगेड की गाड़ी फंसी केनोपी में, आधा घंटा बाधित रहा रेस्क्यू
इस ड्रिल के दौरान एक गंभीर लापरवाही उजागर हुई। मंदिर मार्ग पर बनी लोहे की केनोपी में फायर ब्रिगेड की गाड़ी फंस गई, जिससे करीब आधे घंटे तक राहत कार्य बाधित रहा। यह घटना प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल खड़े कर गई। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह वास्तविक आपदा होती, तो यह देरी कई जानों पर भारी पड़ सकती थी। प्रशासन ने माना कि मंदिर मार्ग पर अतिक्रमण और अव्यवस्थित निर्माण इसके लिए जिम्मेदार हैं। यह मॉक ड्रिल सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि प्रशासन के लिए एक आंख खोलने वाला अनुभव साबित हुई। जहां विभागों ने अपनी तत्परता साबित की, वहीं कुछ कमियों ने यह भी दिखा दिया कि चुनौतियों से निपटने के लिए अब भी सुधार की गुंजाइश है।
प्रशासन सख्त अतिक्रमण हटाने की तैयारी
तहसीलदार राहुल शर्मा ने स्पष्ट कहा कि ड्रिल के दौरान जो कमियां सामने आईं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर ठीक किया जाएगा। “फायर ब्रिगेड की गाड़ी का फंसना गंभीर संकेत है। जल्द ही मंदिर मार्ग से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी, ताकि आपात स्थिति में रेस्क्यू बाधित न हो।”
हर विभाग रहा मुस्तैद, समन्वय की हुई जांच
ड्रिल का नेतृत्व राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम ने किया। इसके अलावा पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, मंदिर ट्रस्ट, दमकल विभाग और प्रशासनिक अधिकारी पूरी तत्परता के साथ मौके पर मौजूद रहे। घायलों को मौके पर प्राथमिक उपचार दिया गया और त्वरित प्रतिक्रिया की हर प्रक्रिया को अमल में लाया गया। इस मौके पर एसडीएम डॉ. संजीव शर्मा, मंदिर अधिकारी मनोहर लाल शर्मा, और सीमा सुरक्षा बल सपड़ी से आए ऑब्जर्वर चंदन कुमार उपस्थित रहे। ड्रिल का संचालन चंदन कुमार की देखरेख में किया गया
मॉक ड्रिल से मिले अहम सबक
आपदा की घड़ी में समन्वय और गति सबसे अहम
मंदिर मार्ग पर अतिक्रमण और संकीर्णता बड़ी बाधा
फायर और रेस्क्यू वाहनों के लिए निर्बाध मार्ग जरूरी
स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों को भी जागरूक करना होगा
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