✨ चंबा का वह मंदिर, जिसने देखा है सदियों का इतिहास
चंबा जिले का खज्जियार नाग मंदिर पौराणिक कथाओं, रहस्यमयी झील और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, जहां भक्तों की आस्था सदियों से कायम है।

🕉️ खज्जियार नाग मंदिर: चंबा की पहाड़ियों में छिपा पौराणिक रहस्य
चंबा जिले के सुरम्य और शांत इलाके खज्जियार में स्थित खज्जियार नाग मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का अनोखा संगम भी है। यह मंदिर नाग देवता को समर्पित है और स्थानीय लोगों के लिए सदियों से आस्था और सुरक्षा का प्रतीक रहा है।
🏛️ मंदिर की स्थापत्य कला और इतिहास
खज्जियार नाग मंदिर की स्थापना 12वीं शताब्दी में राजा पृथ्वीराज सिंह ने करवाई थी। मंदिर की वास्तुकला हिंदू और बौद्ध शैली का अद्भुत मिश्रण है।
मंदिर की छत पर सोने की परत चढ़ी हुई है, जिसे स्थानीय लोग स्वर्ण देवी मंदिर के नाम से भी जानते हैं। मंदिर के गर्भगृह में नाग देवता की मूर्तियां प्रतिष्ठित हैं और लकड़ी की नक्काशी में पांडवों और कौरवों की कथाएं दर्शाई गई हैं। ये मूर्तियां महाभारत कालीन घटनाओं का साक्षी हैं और भक्तों को पौराणिक समय की झलक देती हैं।
🕯️ पौराणिक कथा और लोककथाएं
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, खज्जियार नाग पहले पूपर नाग के नाम से जाने जाते थे। कहा जाता है कि एक दिन सिद्ध बाबा से उनकी मुलाकात हुई, और दोनों के बीच एक रहस्यमयी खेल हुआ। इस खेल में खज्जियार नाग विजयी हुए और तभी से इन्हें क्षेत्र के रक्षक और कल्याणकारी देवता के रूप में पूजा जाने लगा।
भक्तों का विश्वास है कि जो भी यहां श्रद्धा भाव से आता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है।
🌿 खज्जियार झील और रहस्य
मंदिर के पास स्थित खज्जियार झील पवित्र और रहस्यमयी मानी जाती है। स्थानीय मान्यता है कि यह झील पांडवों के समय की है और इसमें भीम के पदचिह्न मौजूद हैं।
कहा जाता है कि झील के नीचे खज्जियार नाग का निवास है और यहां आने वाले भक्तों की रक्षा करते हैं। झील की शांति और सुन्दरता इसे ट्रैकिंग और फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए भी आदर्श बनाती है।
🌄 आध्यात्मिक और प्राकृतिक महत्व
खज्जियार नाग मंदिर सिर्फ आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि प्रकृति प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। आसपास के हरियाली भरे जंगल, ऊंची पहाड़ियां और बर्फ से ढकी चोटियां यहां की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाती हैं।
मंदिर तक पहुंचने के रास्ते पर पहाड़ी ट्रैक और घने जंगल यात्रियों को रोमांच और आध्यात्मिक अनुभव दोनों प्रदान करते हैं।
📅 त्योहार और उत्सव
खज्जियार नाग मंदिर में विशेष त्योहारों के दौरान भक्तों की भीड़ देखने योग्य होती है। नाग पंचमी पर यहां विशाल मेला लगता है जिसमें आसपास के गांवों और दूर-दराज़ से लोग आते हैं। भक्तों के लिए भंडारे, पूजा-अर्चना और लोकनृत्य का आयोजन किया जाता है।
🛤️ खज्जियार नाग मंदिर की यात्रा
चंबा शहर से खज्जियार नाग मंदिर की दूरी लगभग 28 किलोमीटर है। सड़क मार्ग से मंदिर तक पहुंचना आसान है, लेकिन अंतिम कुछ हिस्सों में पैदल ट्रैकिंग करनी पड़ती है।
मंदिर पहुंचते ही भक्त और पर्यटक प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिकता और पौराणिकता का अनूठा अनुभव महसूस करते हैं।
✨ मान्यता
स्थानीय लोग मानते हैं कि जो भी श्रद्धा भाव से यहां आता है और झील के किनारे प्रार्थना करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। खज्जियार नाग मंदिर चंबा का वह दिव्य स्थल है, जहां पौराणिक कथाएं, प्राकृतिक सुंदरता और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
What's Your Reaction?






