“कुल्लू की घाटियों में छुपा आस्था का चमत्कार”
कुल्लू की वादियों में स्थित सांगचूल महादेव मंदिर आस्था और पौराणिक कथाओं का संगम है। यहां दर्शन से मिलता है शांति और सकारात्मक ऊर्जा।

🕉️ सांगचूल महादेव मंदिर की कथा
🌿 देवभूमि की वादियों में महादेव का धाम
कुल्लू घाटी के बंजार क्षेत्र में स्थित सांगचूल महादेव मंदिर भगवान शिव का पवित्र धाम माना जाता है। यह मंदिर पहाड़ी लकड़ी और पत्थर की पारंपरिक वास्तुकला में बना है और चारों ओर देवदार व बर्फीली चोटियां इसे और भी भव्य बनाती हैं।
📖 पौराणिक कथा
स्थानीय मान्यता के अनुसार, जब पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान कुल्लू घाटी से गुज़र रहे थे, तो उन्होंने इस क्षेत्र को अत्यंत पवित्र पाया। कहा जाता है कि भीम ने यहां शिवलिंग की स्थापना की और उनकी आराधना की। तभी से इस स्थान को सांगचूल महादेव के नाम से जाना जाता है।
🙏 आस्था और विश्वास
गांववाले मानते हैं कि सांगचूल महादेव आज भी उनकी रक्षा करते हैं। खेती-बाड़ी, पशुधन और परिवार की समृद्धि के लिए लोग यहां आशीर्वाद लेने आते हैं। हर वर्ष विशेष मेलों और त्यौहारों में यहां पूजा-अर्चना होती है।
🛕 मंदिर की विशेषता
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मंदिर की बनावट लकड़ी और पत्थर की पारंपरिक कारीगरी का उत्कृष्ट उदाहरण है।
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यहां विशेष अवसरों पर ढोल-नगाड़ों और नृत्य के साथ शिव का आह्वान किया जाता है।
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मंदिर का वातावरण इतना शांत और दिव्य है कि यहां पहुंचते ही आत्मा को शांति का अनुभव होता है।
🌟 देवभूमि की धरोहर
सांगचूल महादेव मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि कुल्लू घाटी की सांस्कृतिक धरोहर भी है। दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु यहां शिवलिंग के दर्शन कर अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
👉 यह कहानी धार्मिक आस्था और हिमाचल की समृद्ध परंपरा दोनों को जोड़ती है।
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