प्रदेश भर के विद्युत बोर्ड लिमिटेड के पेंशनर्स में भारी आक्रोश, आज तक नहीं हो पाया बकाया राशि का भुगतान
मंगलवार को विद्युत बोर्ड पेंशनर्स फॉर्म की बैठक इकाई अध्यक्ष राज कुमार चौधरी की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

रूहानी नरयाल। नादौन
मंगलवार को विद्युत बोर्ड पेंशनर्स फॉर्म की बैठक इकाई अध्यक्ष राज कुमार चौधरी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इसमें सचिव विधि चंद सनौरिया, कोषाध्यक्ष पृथ्वी चंद सहित काफी संख्या में पेंशनर्स ने भाग लिया। बैठक में विशेष रूप से उपस्थित विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने पेंशनर्स को संबोधित करते हुए कहा कि विद्युत बोर्ड लिमिटेड प्रबंधक वर्ग के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते आर्थिक तौर पर दिवालियापन के कगार पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि विद्युत बोर्ड लिमिटेड से सेवानिवृत हो रहे कर्मचारियों को उनकी ग्रैच्युटी एवं लीव एन्कैश्मेंट तक का भुगतान नहीं हो पा रहा है और न ही 01 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को संशोधित वेतनमानों के आधार पर बकाया राशी का भुगतान हो पा रहा है। खरवाड़ा ने कहा कि 01 जनवरी 2016 से पहले सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को 01 जनवरी 1986 से 31 दिसंबर 2015 तक नोशनली पे फिक्सेशन के आधार पर पेंशन संशोधन का मामला भी अधर में लटका पड़ा है।
उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड के इतिहास में पहली बार सात महीनों से पेंशनर्स की आदायगियों की ड्राइंग लिमिट जारी नहीं हो पा रही हैं। उन्होंने कहा पेंशनर्स व कर्मचारियों की लगभग 150 करोड़ से ज्यादा ड्राइंग लिमिट्स लंबित पड़ी हैं। विद्युत बोर्ड लिमिटेड के पेंशनर्स में प्रदेश भर में भारी आक्रोश व्याप्त है। खरवाड़ा ने कहा विद्युत बोर्ड लिमिटेड का प्रबंधक वर्ग बोर्ड को चलने में पूर्ण रूप से नाकामयाब रहा है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से कहा कि ऐसे गैर जिम्मेदार प्रबंधक वर्ग के चलते विद्युत बोर्ड लिमिटेड से जुडे 50000 परिवारों का भविष्य खतरे में है। उन्होंने मुख्यमंत्री से फौरी तौर पर हस्तक्षेप करने और विद्युत बोर्ड लिमिटेड को सक्षम व स्थाई प्रबंध निदेशक न्युक्त करने की मांग की है। खरवाड़ा ने मुख्यमंत्री से विद्युत बोर्ड लिमिटेड में अति शीघ्र पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की है।
उन्होंने कहा विद्युत बोर्ड लिमिटेड में अभी तक 137 सेवा निवृत कर्मचारी 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद पुरानी पेंशन के हकदार हैं। जिनपर लगभग 43 लाख रूपया मासिक खर्च करना पड़ेगा। जबकि एन० पी० एस० में हर महीने लगभग 4 करोड़ 23 लाख रूपया जमा करवाना पड़ रहा है। खरवाड़ा ने कहा कि एन० पी० एस० में आने वाला 90 प्रतिशत कर्मचारी 20 से 30 साल के बाद सेवा निवृत होगा। तब तक लगभग एन० पी० एस० से बचने वाले पैसे को ट्रस्ट में डाल दिया जाये तो उससे ही पुरानी पेंशन अदा की जा सकती है। खरवाड़ा ने कहा विद्युत बोर्ड पेंशनर्स फॉर्म 17 दिसम्बर को पेंशन दिवस के मौके पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम के आयोजन पर पेंशनर्स के सभी मामलों पर विस्तृत चर्चा करके रणनीति बनाएगा।
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