भाजपा द्वारा लागू अग्नीवीर सेना भर्ती योजना से प्रदेश के युवाओं में हताशा, देश सेवा के सपने और मनोबल टूटा 

हिमाचल प्रदेश देवभूमि होने के साथ साथ वीरभूमि के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां दशकों से पीढ़ी दर पीढ़ी लगभग हर दूसरे परिवार से युवा सेना में भर्ती हो देश सेवा करने का जज़्बा रखते हैं।

Jan 3, 2024 - 18:59
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भाजपा द्वारा लागू अग्नीवीर सेना भर्ती योजना से प्रदेश के युवाओं में हताशा, देश सेवा के सपने और मनोबल टूटा 

अनिल कपलेश । बड़सर 

हिमाचल प्रदेश देवभूमि होने के साथ साथ वीरभूमि के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां दशकों से पीढ़ी दर पीढ़ी लगभग हर दूसरे परिवार से युवा सेना में भर्ती हो देश सेवा करने का जज़्बा रखते हैं। जनसंख्या के अनुपात से पंजाब के बाद औसतन सेना में सबसे अधिक लोग हिमाचल प्रदेश से सेना में जाने का जज़्बा रखते हैं। हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस पूर्व सैनिक विभाग के उपाध्यक्ष सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल पी एस अत्री(सेना मैडल) ने एक बातचीत के दौरान बताया कि केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा लागू नवीन सेना भर्ती योजना अग्निपथ ने प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर के लाखों युवाओं को गहरा आघात पहुंचाया है। इस नई योजना के लागू होने से पहले लगभग डेढ़ लाख युवाओं ने पुरानी योजना के तहत सभी टेस्ट व मेडिकल परीक्षण भी उत्तीर्ण कर लिया था। परन्तु भाजपा सरकार ने आनन-फानन में अग्नीवीर योजना लागू कर उन्हें सेना में नौकरी का अवसर न देकर उनके भविष्य को चौपट कर दिया क्योंकि अब उनकी उम्र ओवर हो गई है।  इसलिए उनका अवसर समाप्त हो गया है। वह सरकार को बोलते रह गये कि उन्हें भर्ती किया जाए। दूसरी तरफ अग्निपथ भर्ती योजना से हिमाचल प्रदेश का सेना में भर्ती योजना का कोटा अब नाममात्र ही रह गया है, जिससे यहां युवाओं में बेरोजगारी तो बढ़ी ही है बल्कि हताश-निराश भी हो गए हैं। नई सैन्य भर्ती योजना न केवल हमारे युवाओं से धोखा है बल्कि उनका भविष्य भी चौपट हुआ है। अभी हाल ही में दो अग्नीवीरों की नौकरी के दौरान ड्यूटी पर गोली लगने से जान चली गई थी, उन्हें सेना की उच्च परम्पराओं  के अनुसार कोई सम्मान तक केन्द्र सरकार नहीं  दे पाई है, जोंकि बहुत ही दुखद है। जहां पुरानी भर्ती योजना में कई सालों नौकरी करने के अवसर के पश्चात पेंशन, पुनर्वास व पुन्र-रोज़गार की सुविधा थी तो वहीं इसके विपरीत अग्निपथ योजना से युवाओं का रोज़गार तो छिना, परन्तु इसमें न तो पैंशन , मेडिकल व सुरक्षित भविष्य का कोई प्रावधान है बल्कि मात्र चार साल पश्चात भर्ती हुए बाद अग्नीवीरों में से 75 प्रतिशत को नौकरी से निकाल दिया जाने का प्रावधान रखा गया है जो कि हमारे युवाओं के साथ सरासर अन्याय है। यहां तक कि उनको एक प्रशिक्षित सैनिक बनाने के लिए कम, से कम एक साल के कड़े प्रशिक्षण की ज़रूरत होती है। उनका प्रशिक्षण कार्यकाल घटा कर आधा कर दिया गया है जिससे हमारी सेना को अच्छे सैनिक नहीं मिलने पर वह कमजोर होगी व देश की सुरक्षा भी खतरे में आने का भय है। अतः इस लंगड़ी सेना भर्ती योजना को केन्द्र सरकार तुरन्त प्रभाव से समाप्त कर पूर्व सैनिक भर्ती स्कीम को लागू करे। देशभर से युवाओं में इसे लेकर गुस्सा है और वह लगातार इसका विरोध करते आ रहे हैं,मगर भाजपा सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। कांग्रेस पूर्व सैनिक विभाग के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट कर्नल पी एस अत्री ने  इस योजना का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी युवाओं के हितों की लड़ाई में सदैव उनके साथ खड़ी हैं। केन्द्र में उनकी सरकार बनते ही इस योजना को समाप्त कर पुरानी सेना भर्ती योजना को लागू किया जाएगा।

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