चातुर्मास स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर दिया संदेश : रचित मुनि महाराज
एस एस जैन स्थानक नादौन में विराजित मधुर वक्ता सेवा श्रमण रचित मुनि महाराज ने चातुर्मास स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर अपना संदेश दिया।

रूहानी नरयाल। नादौन
एस एस जैन स्थानक नादौन में विराजित मधुर वक्ता सेवा श्रमण रचित मुनि महाराज ने चातुर्मास स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर अपना संदेश दिया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि बहुत बागे बहुत दौड़े मगर क्या लक्ष्य पाया है बड़े ही हाथ मारे हैं मगर क्या हाथ आया है। आप अपनी जिंदगी का अवलोकन किया करें एकांत के क्षणों में विचार किया करें कि हमने जिंदगी में कितना खोया है कितना पाया। आप अपनी पॉकेट का तो हिसाब किताब नित्य प्रतिदिन करते हैं परंतु आपने अपनी जिंदगी का खाता लगाया है कभी ।
हम कितने खुदगर्ज हैं जिसके लिए हमें जीवन मिला है उसी को भुला दिया है, इतनी खुदगर्जी भी अच्छी नहीं है। अपनी जिंदगी का हिसाब किताब रखो जो भी तुम्हारे पास खुशी मुस्कुराहट आई है, और जिंदगी की मीठी मीठी मुस्कान मिली है वह किसी पुण्य को खर्च करके मिली है यूं ही नहीं मिली। कहीं ऐसा ना हो कि पिछला पुण्य खर्च करते चले जाओ और कंगाल बनते चले जाओ,पुण्य को साथ ही साथ अर्जित भी करना सीखो ।
तुमने पिछले जन्म में किसी को खुश किया होगा, भूखे को भोजन दिया होगा, किसी को अभयदान दिया होगा तभी आज आपको इतनी खुशियां मिली है, सुख मिला है अब भी पुण्य अर्जित करो, जीव दया करना सीखो। उन्होंने कहा कि चातुर्मास की मधुर बेला आई है, चौमासा हमें जगाने समझाने के लिए आता है,तुमको अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने के लिए आता है, असत्य से सत्य की ओर लाने की प्रेरणा देता है, भोग से योग की ओर लाता है,चातुर्मास आत्मा के आलोक में लाने का प्रयास करता है। उन्होंने कहा कि चातुर्मास की कितनी शुभ घड़ी है कि इसका प्रारंभ गुरु पूर्णिमा से होता है, गुरु पूर्ण हो तो भक्तों को भी पूर्ण करने की प्रेरणा करता है और गुरु पर्व पर गुरु के प्रेमी पीछे नहीं रहते । इसलिए कह रहा हूं कि पूरे साल नहीं तो कम से कम चार महीने का त्याग प्रत्यख्यान अवश्य करो। उन्होंने कहा कि
मन के विषय में कहना चाहूंगा कि कपड़ा बिगड़ जाए तो फिकर मत करना। व्यापार बिगड़ जाए तो भी फिक्र मत करना। आपका लड़का बिगड़ जाए तो भी फिक्र मत करना परंतु अपने मन को मत बिगड़ने देना। मन बिगड़ गया तो जिंदगी बिगड़ जाएगी चार महीने किसी से दुश्मनी मत रखना। एक बार घर को स्वर्ग बनाने की प्रक्रिया चल पड़ी तो स्वर्ग में परिवर्तित होते देर नहीं लगेगी।
इसके अतिरिक्त तेजस मुनि महाराज ने गीत के माध्यम से गुरु महिमा गाई ।अंत में संघ के महामंत्री मनोज जैन ने चातुर्मास को सफल बनाने के लिए सभी से अपील की और शुभकामनाएं प्रदान की।
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