लोकसभा चुनाव : हमीरपुर सीट पर रहेगी देशभर की नज़र
लोकसभा चुनाव में इस बार भी भाजपा का गढ़ रहे संसदीय क्षेत्र हमीरपुर पर हिमाचल ही नहीं पूरे देश की निगाहें रहेगी, क्योंकि राजनीति के इतिहास में इस क्षेत्र में दोनों ही पार्टियों के पलड़े भारी हैं।

ब्यूरो। रोज़ाना हिमाचल
लोकसभा चुनाव में इस बार भी भाजपा का गढ़ रहे संसदीय क्षेत्र हमीरपुर पर हिमाचल ही नहीं पूरे देश की निगाहें रहेगी, क्योंकि राजनीति के इतिहास में इस क्षेत्र में दोनों ही पार्टियों के पलड़े भारी हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जहां बिलासपुर जिला से ताल्लुक रखते हैं वहीं हमीरपुर जिला से संबंध रखने वाले केंद्रीय मंत्री और चार बार के लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर और राज्यसभा सांसद सिकंदर कुमार भी यहां से हैं।
यही नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद प्रो. प्रेम कुमार धूमल भी हमीरपुर जिला हैं। कांग्रेस की बात करें तो प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर जिला से हैं। सुक्खू सरकार में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के ऊना जिले से आते हैं। ऐसे में स्वभाविक है कि दोनों ओर के बड़े राजनीतिक योद्धा इस बार सियासी मोर्चा संभालेंगे।
हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, मंडी और कांगड़ा जिलों के 17 विधानसभा क्षेत्रों वाली इस पार्लियामेंट्री में मौजूदा समय में कांग्रेस के 10, जबकि बीजेपी के 5 विधायक हैं और 2 एमएलए निर्दलीय हैं। शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि पार्लियामेंट्री में कांग्रेस का पलड़ा थोड़ा भारी है। यह अलग बात है कि पिछले कुछ दिनों से पार्टी में मनभेद और मतभेद दोनों साफ दिख रहे हैं। हमीरपुर पार्लियामेंट्री की फ्लैशबैक में जाएं तो अब तक आम चुनाव और उप चुनावों को मिलाकर यहां वर्ष 1967 से लेकर 2019 तक 16 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 11 बार भाजपा तो केवल 5 बार कांग्रेस अपनी जीत दर्ज कर पाई है।
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